तुलसीदास के रचनाओं में कबीरदास और गोरख के विचारों का स्पष्ट खण्डन है।
2.
मीमांसकों के मत का स्पष्ट खण्डन करने के लिए आचार्य ने इस अंश का उपयोग किया।
3.
मीमांसकों के मत का स्पष्ट खण्डन करने के लिए आचार्य ने इस अंश का उपयोग किया।
4.
प्रतिवादी की ओर से अपने पक्ष के समर्थन में लेखीय साक्ष्य या गवाह को भी इस संबंध में पेश नहीं किया गया हैं, साथ ही वादी की साक्ष्य का उसकी ओर से प्रति परीक्षण के दौरान कोई स्पष्ट खण्डन भी नहीं किया गया हैं।